Friday 28 October 2011

QAFAN

आज     मैं     जिन्दा    दफ़न    हो    गया !
कुछ नासमझ लोगों का कफन हो गया !!
जब चाहा ढाई गज फाड़ लिया मुझको !
देखो, बिना हनुमान के लंका दहन हो गया !!

Friday 26 August 2011

HOSLA


जिंदगी में जब तलक होसले न होंगे
नीतिगत जीवन में फैसले न होंगे !
उग नहीं पायेगी नयी पौध श्रष्टि में
जब तलक हर पेड़ पर घोसले न होंगे !

Monday 22 August 2011

SHIVAM


हलाहल जब पिया हमने
श्रष्टि ने शिव कहा हमको !
स्वार्थ का सर्वत चखा  जबसे
तभी से शव किया हमको !

                                

Friday 19 August 2011

BHARAT




हिमगिरि की इस धरती पर
शोलो का कोई का काम  नहीं,

यहाँ बूंदें जीवन देती है
ओलो का कोई काम नहीं.
      
                                ( राही )

Thursday 18 August 2011

ANNAA


अन्ना आज एक सुद्रढ़ चट्टान है .
अपनी व देश की सुंदर पहचान है.
गाँधी नहीं एक विचार है अन्ना 
जो "राही" को बनाएगा एक चमकदार
 पन्ना